Breaking

Thursday, 28 May 2015

निर्जला एकादशी

29 मई 2015  दिन-शुक्रवार ( विशेष)
  • ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी निर्जला एकादशी के नाम से जानी जाती है . . . इस व्रत में जल का सेवन नहीं करते है . . अगर सूर्योदय से लेकर सूर्योस्त तक मनुष्य़ जलपान न करें, तो उससे 24 एकादशियों के व्रत करने के समान फल प्राप्त होते है . . 
.
  • निर्जला एकादशी का व्रत करने के लिये दशमी तिथि से ही व्रत के नियमों का पालन करना चाहिए. इस एकादशी में निर्जल व्रत करना चाहिए. और दिन में "ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का उच्चारण करना चाहिए. इस दिन गौ दान करने का भी विशेष विधि-विधान है. इस दिन व्रत करने के अतिरिक्त स्नान, तप आदि कार्य करना भी शुभ रहता है. . . 
.
  •  इस व्रत में सबसे पहले श्री विष्णु जी की पूजा करनी चाहिए. इस दिन दान अवश्य करना चाहिए . . इस दिन "ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करके गौदान, वस्त्रदान, छत्र, फल आदि दान करना चाहिए.

No comments:

Post a Comment