दमरुका योग
पत्रिका के अष्टम भाव में यदि मंगल नीच का साथ ही शनि की युति हो तो दमरुका योग होता है।
द्वितीय भाव मे भी अशुभ ग्रह हो तथा अष्टम में शनि, मंगल, राहु कोई ग्रह हो तो दमरुका योग होता है।
इस योग में जातक की मृत्यु बड़ी दर्दनाक होती है। मुख्यत: वह आग में दम घुटने से या पानी में दम घुटने पर या गला घुटने से मरता है।
यदि अष्टम मंगल हो तथा उस पर सूर्य की दृष्टि पड़ रही हो तो सड़क दुर्घटना में मृत्यु का योग बनता है।नवांश कुंडली में भी यही स्थिति बनी हो तथा सूर्य की महादशा चल रही हो तो भी सड़क दुर्घटना का भय होता है।
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